50 करोड़ कीमत का 62 हजार क्विटंल मादक पदार्थ ड्रग्स को किया खाक

खबर लाईव मंदसौर/नीमच- जिले की विक्रम सीमेंट फैक्ट्री में 70 वाहनों में लोड होकर 62 हजार क्विटंल से अधिक डोडाचूरा, अफीम, गांजा स्मैक, ब्राउन शुगर, हेरोइन, चरस, कोडीन, एमडीएम और अल्फाझोलम लाया गया , इन सबका बाजार मूल्य 50 करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान है , नीमच जिले के खोर स्थित विक्रम सीमेंट फैक्टरी में मादक पदार्थ नष्टीकरण की प्रक्रिया में उज्जैन संभाग के सभी जिलों के साथ ही इंदौर-भोपाल संभाग के लगभग 15 से 16 जिलों के मादक पदार्थ नष्ट किए गए , यह पूरी प्रक्रिया उज्जैन रेंज के आईजी संतोष कुमार के निर्देशन में की गई , इसके लिए 1 आईजी, 4 डीआईजी, 12 एसपी के साथ पुलिस निरीक्षक, उपनिरीक्षक और 200 पुलिसकर्मी शामिल रहे। 17 जुलाई को सुबह 11 बजे ड्रग को खाक करने की प्रक्रिया शुरू हुई , यह वह ड्रग्स है जो बीते 15 सालों में प्रदेश के विभिन्न थाना पुलिस ने जब्त कर मालखाने में जमा कराया था , संभवत: यह मप्र का पहला मामला है , जब इतनी भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ को नष्ट करने की कार्रवाई की गई_
_दरअसल मप्र के मंदसौर नीमच जिले में अफीम की खेती होती है , इसके चलते यहां से बड़ी मात्रा में अवैध डोडाचूरा की सप्लाई होती है , जिसे जांच के दौरान पुलिस जब्त करती है , जब तक इसका मामला कोर्ट में चलता है ये अवैध मादक पदार्थ मालखाने में जमा रहते हैं , इसके बाद इन्हें नीमच लाया जाता है , जहां तय प्रावधानों के तहत नीमच में ही नष्ट किया जाता है , यह पहली बार है जब इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग नष्ट किया गया , 17 जुलाई को 575 प्रकरणों में जब्त किए गए 62 हजार क्विंटल से अधिक ड्रग्स नष्ट कर दिया_
_मादक पदार्थों को नष्ट करने के लिए NDPS एक्ट के तहत प्रावधान किए गए हैं , भारत सरकार के वर्ष 2022 के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार न्यायालय में जिन प्रकरणों का निराकरण हो चुका है या जिन मादक पदार्थों काे नष्ट करना आवश्यक हो , उन्हें नष्ट करने का विधिवत प्रावधान है_
_नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और प्रदूषण बोर्ड के सदस्यों की मौजूदगी में यह प्रक्रिया की जाती है , नष्टीकरण के लिए वाहनों में भरकर जवाद स्थित विक्रम सीमेंट फैक्ट्री लाया जाता है , यहां भट्टी में कोयले के साथ मादक पदार्थ डाल दिया जाता है , इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है_
_”नष्टीकरण की प्रक्रिया में ऐसे मादक पदार्थ जिनसे मार्फिन प्राप्त की जा सकती हैं , उन्हें नीमच स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की अलकोलाइट फैक्टरी में जमा किया जाएगा , जिससे उनका मेडिसिन बनाने में उपयोग हो सके”_

Rajesh Danger

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