पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह असत्य एवं झूठी जानकारी देने में पारंगत!*वरिष्ठ विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया का पूर्व मुख्यमंत्री पर तीखा आरोप

*मंदसौर* । पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह असत्य जानकारी देने, झूठे ट्वीट करने और भ्रामकता फैलाने में पारंगत हो चुके हैं। कुंडलपुर तीर्थ में जो घटना घटी ही नहीं, उसमें बगैर तथ्यों की जानकारी लिए शायद जल्दबाजी में पहले उन्होंने ट्वीट कर दिया और फिर उसे डिलीट कर दिया। आखिर पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद श्री सिंह की यह कौन सी रणनीति का हिस्सा है! सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने, झूठ परोसने के लिए ट्वीट कर देना और फिर उसे डिलीट कर देना कौन सी समझदारी है! पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह का यह कृत्य अत्यंत निंदनीय है।*
*यह बात वरिष्ठ विधायक, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री यशपाल सिंह सिसोदिया ने कही। अपने वक्तव्य में श्री सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश में सांप्रदायिकता का जहर घोलकर वातावरण बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं है और चुनाव निकट हैं। ऐसे में कांग्रेस केवल भ्रम फैलाना चाहती है। श्री दिग्विजय सिंह को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस प्रकार असत्य घटना को सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाकर वे कौन सा लाभ प्राप्त करना चाहते हैं और उन जैसे जिम्मेदार जनप्रतिनिधि को अपना ही ट्वीट आखिर तत्काल क्यों डिलीट करना पड़ गया? श्री सिंह प्रदेश में सोशल मीडिया के माध्यम से झूठी जानकारी देने और भ्रम फैलाने में पारंगत हो चुके हैं।*
*विधायक श्री सिसोदिया ने कहा कि श्री दिग्विजय सिंह केवल सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। कांग्रेस के पास ना नीति है, ना नियत है, ना नेतृत्व है। पूर्व में भी बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद पर वे इसी तरह झूठे आरोप लगा चुके हैं। खरगोन की एक घटना तथा नरेला की सड़क को लेकर श्री सिंह आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं। उनके इन्हीं कृतियों को लेकर उन पर अनेक एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है।*
*श्री सिसोदिया ने कहा कि ट्वीट में कुंडलपुर तीर्थ की जिस घटना की जानकारी श्री दिग्विजय सिंह द्वारा दी गई। अधिकारियों ने तत्काल मौका निरीक्षण कर उसका दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। अधिकारियों ने बता दिया कि श्री सिंह का ट्वीट असत्य और भ्रामक है।*
*श्री सिसोदिया ने कहा कि मध्य प्रदेश शांति का टापू है और कांग्रेस के जिम्मेदार इसकी शांति भंग करने के कुत्सित प्रयास करते रहते हैं।*

Rajesh Danger


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