मात्रभूमि की सेवा कर कर्म भुमि से जन्म भुमि लौटे सैनिक का हुआ भव्य स्वागत! ढोल बाजे और हाथों में तिरंगा देख हुए भावुक,

खबर लाइव संपादक

राजेश धनगर आकोदड़ा — मंदसौर जिले के गांव आकोदड़ा के मुख्य चौराहे पर जब ग्राम पंचायत सरपंच कारुलाल पाटीदार के साथ युवा देश भक्ति के नारे लगा हाथों में पुष्प मालाएं लेकर इंतजार में पलके बिछाए थे.तब माहौल देख ऐसा लग रहा था कि किसी बड़े नेता के अगुवाई में स्वागत होगा.पर नहीं यह स्वागत था देश के सपूत के लिए. जो सेना में 22 साल की सेवा देने के बाद रिटायर्ड होकर अपने गांव वापस आ रहा था. जिसके स्वागत में लोगों ने यह इंतजाम किया था।
सी आर पी एफ में रहकर 22 साल देश की सेवा करने के बाद रिटायर होकर अपने गांव लौटें सैनिक नानालाल मालवीय का मंदसौर जिले के गांव आकोदड़ा में पहुंचते ही मुख्य चौराहे गांव वासियों के अलावा मां ओर परिजनों ने पुष्प माला पहनाकर रंग गुलाल एवं आतिशबाजी के साथ भव्य स्वागत किया गया। ग्रामीणों ने शोभा यात्रा निकालते हुए भारत माता की, जय जवान, जय किसान आदि के जयकारे लगाए । इस दौरान मां ने अपने पुत्र को गले से लगा लिया। मां की आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे। बेटे ने अपनी मां से कहा कि 22 साल तक भारत माता का पुत्र था अब सेवानिवृत्त होने के बाद आपका पुत्र हूं। ग्राम आकोदड़ा के मालवीय परिवार में जन्मे नानालाल मालवीय वर्ष 2001 में सीआरपीएफ में बतौर जवान चयनित हुए थे। पिता गोपीलाल जी मालवीय को खोने के बाद भी देश सेवा का प्रण लिए सीआरपीएफ में भर्ती के दौरान देश की सेवा के लिए होंठों पर मुस्कान लिए अपने पैत्रक गांव आकोदड़ा से खुशी खुशी गए थे. माता बुलाकबाई स्व गोपीलाल जी मालवीय ने अपने जिगर के टुकड़े को देश की सेवा करने के लिए खुशी – खुशी विदा किया था, लेकिन आज जब उनका बेटा देश की सेवा कर वापस अपने गांव लौटा है तो उनका सीना फक्र से चौड़ा हो गया है।

Rajesh Danger


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